बिहार के 9 मेडिकल कॉलेजों में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों और प्रधान सचिव के बीच वार्ता आज

 बिहार के 9 मेडिकल कॉलेजों में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों और प्रधान सचिव के बीच वार्ता आज

बिहार के सभी नौ सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जारी हड़ताल खत्म कराने को लेकर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग व जूनियर डॉक्टरों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।

इन मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के करीब एक हजार जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल आठवें दिन भी जारी रही। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि कार्य बहिष्कार जारी है। गुरुवार को जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से मुलाकात करेगा। 

केंद्रीय व राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों की अपील बेकार हुई 
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे व बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय द्वारा हड़ताल को समाप्त करने को लेकर की गई अपील भी बेकार साबित हुई। स्वास्थ्य विभाग व जूनियर डॉक्टर अपनी-अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। नतीजतन, मरीजों के सौ से अधिक ऑपरेशन टाले जा चुके हैं। जिन मरीजों के ऑपरेशन हो चुके थे, उनकी ड्रेसिंग तक समय पर नहीं हो पा रही है।  

हड़ताल समाप्त कराने में विफल साबित हुए अधीक्षक 
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त कराने को लेकर आईएमए, बिहार अध्यक्ष व पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विमल कारक भी विफल साबित हुए। हड़ताल के कारण उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए उनके द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था बहाल नहीं की गयी। 

मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में परेशानी बनी रही
इस हड़ताल से सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मरीजों की परेशानी बनी रही। कुछ सीनियर डॉक्टर व नर्सों के सहारे मरीजों का इलाज किया गया। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कंट्रोल रूम से टाटा वार्ड स्थित इमरजेंसी के बीच मरीज व उनके परिजन भटकते रहे।

जानकारी के अनुसार पीएमसीएच के हथुआ वार्ड के 90 फीसदी बेड जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण खाली हो गए हैं। जो 10 फीसदी मरीज भर्ती हैं उनकी भी नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच नहीं हो पा रही है। 

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