जैन समाज के प्रसिद्ध जैन संत ऐल्लक श्री 105 विज्ञान सागर जी का बड़े धूमधाम से मनाया गया 50वां जन्म महोत्सव
उत्तर प्रदेश: जैन समाज के प्रसिद्ध जैन संत ऐल्लक श्री 105 विज्ञान सागर जी महाराज का 50वां जन्म महोत्सव बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विज्ञान सागर जी महाराज के 50वें जन्म महोत्सव में दिल्ली NCR, उत्तर व दक्षिण भारत से आये हजारों श्रद्धालुओं ने शिरकत की। महाराज श्री अतिशय क्षेत्र जय शान्तिसागर निकेतन से बैंड़-बाजों के साथ पैदल यात्रा कर जन्म महोत्सव के कार्यक्रम स्थल आचार्य श्री विद्यासागर गौशाला सुभानपुर मंड़ौला जनपद गाजियाबाद पहुॅंचे। महाराज श्री की यात्रा में उनके पीछे चलने वाले अनेकों रथ, अनेकों गाड़ियां और सैकड़ों श्रद्धालुगण हर किसी का ध्यान अपनी और आकृषित कर रहे थे।
आपको बता दें कार्यक्रम का आरम्भ चित्र अनावरण और ध्वजारोहण के साथ हुआ। इस अवसर पर विज्ञान सागर जी महाराज ने गौशाला में रह रही गायों के बारे में बताया कि ये गाय गौतस्करों से छुड़ाकर यहॉं पर लायी गयी है। अब यह हमारे परिवार का हिस्सा है। कहा कि हम सभी को अपना जन्मदिन गौशाला जैसे पुण्यकारी स्थानों पर बेजुबान जानवरों की सेवा करके मनाना चाहिए। कहा कि अगर आपके आस-पास गौशाला नही है तो आप इस गौशाला में आकर गायों की सेवा करके अपनी खुशियों को यादगार बना सकते है। कहा कि बेजुबानों के रोज के खाने-पीने की व्यवस्था करने और उनके सेवादारों के परिवारों के गुजारे के लिए गौशाला कमेटी को धन की आवश्यकता होती है।
उन्होंने सभी लोगों से गौशाला में बढ़-चढ़कर दान करने और जब भी समय मिले उनकी सेवा करने का आहवान किया। इस अवसर पर मनमोहक भजन, नृत्य जैसे अनेकों सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने महाराजश्री का उनके जन्मदिन पर पाद प्रक्षालन किया। उनको श्रीफल, शास्त्र व पिच्छी भेंट कर उनकी पूजा-अर्चना की और उनको जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। महोत्सव की आयोजन कर्त्ता कमेटी आचार्य श्री विद्यासागर गौशाला कमेटी द्वारा जैन धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले सैकड़ों लोगों को तिलक लगाकर, माला व पटका पहनाकर और गौमाता का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। आयोजन कर्त्ताओं ने देशभर से आने वाले समस्त श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।