बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति अब सरकार की अहम प्राथमिकता
हाई कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में पिछले ढाई साल से शिक्षक बनने के इंतजार में बैठे लोगों को एक राहत की खबर मिली है. शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार भी बहाली प्रक्रिया में अभी से ही जुट गई है.
प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार शुरू से नियुक्तियां करना चाहती थी, लेकिन कोर्ट की वजह से काम में देरी थी, अब वो नभी समाप्त हो गयी है. बहुत जल्द इन्तेजार कर रहे अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा. 15 दिनों के भीतर दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए आवेदन निकाले जाएंगे.
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के अलावा बाकी वैसे अभ्यर्थी, जो पहले से छठे चरण के लिए आवेदन कर चुके थे, उन्हें आवेदन नहीं देना होगा. सीधा उनका मेरिट लिस्ट जारी किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि छठे चरण यानि 94000 पदों के बाद तुरंत सातवें चरण की बहाली ली जाएगी. इसके बाद 15 अगस्त तक राज्य के सभी टीईटी और एसटीईटी अभ्यर्थी शिक्षक बनकर स्कूलों में झंडोत्तोलन में शामिल होंगे.
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने राज्य में सवा लाख शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ कर दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने नेशनल ब्लाइंड फ़ेडरेशन और अन्य की याचिकओं पर सुनवाई की. राज्य सरकार ने दिव्यांग उम्मीदवारों को आवेदन देने के लिए 15 दिनों की मोहलत देने की मांग मान ली है. इसके बाद मेरिट लिस्ट जारी किया जाएगा, जिसके आधार पर शिक्षकों की बहाली होगी.