केंद्र सरकार ने मिथिला मखाना को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग से किया सम्मानित, लोगों में ख़ुशी की लहर
केंद्र सरकार ने मिथिला मखाना को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग से सम्मानित किया है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि मिथिला मखाना जीआई टैग में पंजीकृत हो गया है। इससे मिथिला के 5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा और कमाई भी अधिक हो सकेगी।
आपको बता दें जीआई पंजीकरण के लाभों में उस वस्तु की कानूनी सुरक्षा, दूसरों द्वारा अनधिकृत उपयोग के खिलाफ रोकथाम और निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है। जीआई मुख्य रूप से एक प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) है जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होता है। आमतौर पर ऐसा नाम गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है, जो इसके मूल स्थान के कारण होता है।
जानकारी के अनुसार मिथिला के मखाना को ‘मिथिला मखाना’ नाम से जीआई टैग मिलने की सूचना से लोगों में ख़ुशी का लहर है। शनिवार को सोशल माडिया पर यह खबर फैलते ही लोग एक-दूसरे को फोन कर इसकी जानकारी देने लगे। मिथिला के लोगों को लंबे समय से इसका इंतजार था। मखाना को जीआई टैग दिलाने के लिए दरभंगा जिले से भी जोरदार आवाज उठी थी। स्थानीय मखाना उत्पादकों के अलावा सांसद गोपाल जी ठाकुर, पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री और झंझारपुर के विधायक नीतीश मिश्रा और अन्य जनप्रतिनिधियों ने इसे लेकर जोरदार आवाज उठायी थी।
इस संबंध में पूछे जाने पर शहर के दिल्ली मोड़ स्थित मखाना अनुसंधान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ. मनोज ने कहा कि इस संबंध में गत आठ नवंबर को ऑनलाइन बैठक हुई थी। उस बैठक में मैं भी शामिल था। बैठक के बाद मुझे लगने लगा था कि मखाना को जीआई टैग मिलने की घोषणा किसी भी दिन हो सकती है। अब आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा कर दी गयी है। डॉ. मनोज ने कहा कि ‘मिथिला मखाना’ नाम से जीआई टैग मिलने से मिथिला क्षेत्र के मखाना उत्पादकों और व्यवसायियों को काफी फायदा होगा।