महिला आयोग द्वारा कैंप लगाकर किया जायेगा पेंडिंग केसों का निष्पादन, पहले दिन 10 केसों की हुई सुनवाई
30 महीनों से अधिक समय से भंग महिला आयोग का गठन कर दिया गया है। अश्वमेध देवी बिहार राज्य महिला आयोग की नई अध्यक्ष बनाई गई हैं। उसके बाद उनके ऊपर 8 हजार से भी अधिक पेंडिंग पड़े केसों के निष्पादन का जिम्मा है। इतनी बड़ी संख्या में पेंडिंग केसों का निष्पादन करने के लिए राज्य महिला आयोग की ओर से कैंप लगाकर निपटारा किया जाएगा।
आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में कैंप लगाकर इन केसों की संख्या को कम करने की कोशिश की जाएगी। पटना स्थित बिहार राज्य महिला आयोग में शुक्रवार से केसों की सुनवाई शुरू कर दी गई है। पहले दिन आयोग में कुल 10 केसों की सुनवाई की गई। इसमें से एक केस की सुनवाई पति–पत्नी के झगड़े पर हुआ। इसके अलावा सभी मामले प्रताड़ना से जुड़े बिहार के अलग-अलग जिलों से आए थे।
वही ससुराल वालों से परेशान होकर बेतिया की एक महिला अपने पति से अलग होने के लिए महिला आयोग पहुंची थी। इसकी सुनवाई आयोग की सदस्यों ने किया। इस दौरान महिला के साथ उसका पति उसकी मां और उसके ससुर मौजूद रहे। महिला ने बताया कि जब वह गर्भावस्था में थी। तब भी उसकी सास उससे सीढ़ियों पर ऊपर नीचे करवाया करती थी। हर वक्त सास बहू से काम करवाया करती हैं। महिला की शादी को पूरे 1 साल हुए हैं। इसमें महिला के ससुर ने बताया कि उनकी बहू शादी की बात से केवल 3 महीने ससुराल में रही है। इसके बाद वह अपने मायके चली गई।
ससुर ने बताया कि घर में केवल तीन से चार लोग रहते हैं। इसमें अधिक काम होने की कोई बात नहीं है। उन्होंने महिला आयोग की सदस्य के सामने कहा कि वह अपनी बहू को ससुराल ले जाना चाहते हैं। महिला ने साफ मना करते हुए कहा कि वह अपने ससुराल नहीं जाना चाहती। इसके लिए वह अपने पति को भी तलाक देने के लिए तैयार है। ससुराल वाले उसे डांटते और गाली देते हैं। बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बनने के बाद अश्वमेध देवी बेगूसराय जिला पहुंची। यहां उनके साथ सदस्य डा. श्वेता विश्वास, प्रो. गीता यादव भी मौजूद रही।