गुजरात में मरने वाले आदिवासी मजदूर के परिवार मिलकर माले पार्टी ने सरकार से किया मुआवजा की मांग
आज सोमवार को भाकपा माले की एक टीम ने 4 दिनों पूर्व गुजरात में मरने वाले सदर प्रखंड के आदिवासी मजदूर प्रदीप हेंब्रम के गांव चंदली पहुंचकर उनके परिजनों तथा स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर सांत्वना दी उन्होंने गुजरात में मरे चंदली (गिरिडीह) तथा झरघट्टा (गांडेय) के दोनों मजदूरों के परिवारों को 10-10 लाख मुआवजा देने की मांग साथ ही सरकार से पलायन रोकने के लिए मजदूरी बढ़ाते हुए रोजगार सृजन की भी मांग की। माले की टीम राजेश यादव तथा पप्पू खान के चंदली पहुंचने पर लोगों ने बताया गया कि रोजगार के अभाव में आदिवासियों का पलायन जारी है।
आपको बता दें आए दिन रोजगार के लिए पलायन करने वाले मजदूरों की मौत हो जाती है मगर कोई उनकी सुधि लेने वाला नहीं है। बहुत हुआ तो कंपनी की ओर से लाश पहुंचा दी जाती है या कभी-कभी तो इसके लिए भी फजीहत की जाती है।
इधर लोगों की बातों को सुनने के बाद माले नेता राजेश यादव ने कहा कि झारखंड बने 22 साल होने को हैं लेकिन रोजगार के लिए पलायन रोकने में झारखंड की अब तक की कोई भी सरकार सफल नहीं हो सकी है और-तो-और सरकार के पास यह भी आंकड़ा नहीं कि झारखंड के कितने मजदूर बाहर मजदूरी करते हैं।
श्री यादव ने रोजगार के लिए पलायन करने वाले सभी प्रवासी मजदूरों का पंजीयन कराने तथा किसी भी तरह की दुर्घटना से मृत्यु होने पर सरकार की ओर से तत्काल 10 लाख मुआवजे का प्रावधान किए जाने की मांग करते हुए यह भी कहा कि पलायन रोकना ज्यादा जरूरी है और इसके लिए स्थानीय स्तर पर मनरेगा जैसी योजनाओं के अलावा कृषि का विकास किया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने मनरेगा की मजदूरी बढ़ाकर 600 रुपया किए जाने की भी मांग की।
मृतक मजदूर को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ उक्त मांग करने वालों में लोगन सोरेन, सोखा मुर्मू, चुड़का बास्के, मंझला किस्कू, रीतलाल मुर्मू, सुखलाल हेंब्रम, पोरन मरांडी, जीशु टुडू, मंगल किस्कू, विजय सोरेन, चरका हेंब्रम, देवीलाल हेंब्रम, देवचंद हेंब्रम, बिनोद हेंब्रम, मुकेश हेंब्रम, छोटेलाल हेंब्रम, मिरूलाल किस्कू, अनिल टुडू, राजुराजा टुडू, सुरेश बास्की, लखन टुडू, युगल टुडू, पांडु मरांडी, चेड़े टुडू, मुंशी टुडू, कटिया टुडू, सुखु हांसदा सहित अन्य महिला पुरुष शामिल थे।