बिहार के सभी एनएच के निर्माण और मरम्मती के काम की निगरानी पटना हाईकोर्ट खुद करेगा
बिहार के सभी एनएच के निर्माण और मरम्मती के काम की निगरानी पटना हाईकोर्ट खुद करेगा। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है। कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन से कहा है कि सभी राष्ट्रीय राजमार्ग के नाम व नम्बर से अलग-अलग केस दर्ज करें। इस तरह 40 अलग-अलग याचिका दायर कर केस दर्ज किया जाएगा।
करीब चार राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण पर हाईकोर्ट पहले से ही नजर रख रहा है। सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग का रोडमैप भी कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की।
इसके पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग के सीनियर वकील एसडी संजय ने राजमार्ग के निर्माण में होने वाली परेशानियों से कोर्ट को अवगत कराया। उनका कहना था कि ज्यादातर राजमार्ग के निर्माण में भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ी समस्या है। जमीन अधिग्रहण का काम राज्य सरकार को करना है। समय पर भूमि अधिग्रहण का काम पूरा नहीं होने के कारण निर्माण कार्य में देरी हो रही है।
कोर्ट में अधिग्रहण का मामला
वहीं, राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि सरकार भूमि अधिग्रहण का काम जल्द से जल्द पूरा करने का काम करती है लेकिन भूमि मालिक के कोर्ट में चले जाने के कारण मामला अटक जाता है। इसीलिए ज्यादातर राजमार्ग का काम जमीन अधिग्रहण की समस्याओं के चलते रूक जाता है।
अगली सुनवाई 25 को
कोर्ट ने राज्य के तमाम राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में भू अर्जन को लेकर आ रही बाधाओं को देखते हुए कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू की है। मामले पर अगली सुनवाई आगामी 25 मार्च को होगी।
एक माह में चलने लायक बनाएं भागलपुर एनएच
कोर्ट ने एक माह के भीतर भागलपुर से कहलगांव के बीच सड़क को चलने लायक बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। वहीं जमालपुर से मिर्जाचौकी तक बनायी जाने वाली ग्रीन फील्ड कॉरिडोर के बारे में भी सभी को जवाब देने का आदेश दिया है।
चार एनएच पर पहले से चल रही सुनवाई
गौरतलब है कि मौजूदा समय में पटना हाईकोर्ट एनएच- 83 (पटना-गया- डोभी), एनएच-77 (हाजीपुर- मुजफ्फरपुर), एनएच- 80 (मुंगेर-कहलगांव- मिर्ज़ाचौकी) और एनएच-2 (औरंगाबाद- वाराणसी) के निर्माण को लेकर सुनवाई कर रहा है। साथ ही एनएच-106 (सहरसा-मधेपुरा-जलपाईगुड़ी) में बने गड्ढों पर भी स्वतः संज्ञान लेकर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब किया था।