राजस्थान से शुरू हुई मंदिर और बुलडोजर विवाद दिल्ली तक पहुंची, मंदिर गिराने के नोटिस पर बोली जनता ‘हम बुलडोजर के आगे खड़े जाएंगे’
राजस्थान के अलवर से शुरू हुई मंदिर और बुलडोजर विवाद अब राजधानी दिल्ली तक भी पहुंच गई है। बीते दिन शनिवार को सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने दक्षिण दिल्ली के श्रीनिवासपुरी स्थित मंदिर के बाहर प्रदर्शन किया। दरअसल, आवास और शहरी मंत्रालय ने मंदिर खाली करने को लेकर नोटिस चस्पा किया है। जिसको देखकर आम आदमी पार्टी के अलावा स्थानीय लोगों ने सरकार की कार्रवाई का विरोध करने का फैसला किया है।
दरअसल, दिल्नीली में निलकंठ महादेव मंदिर के बाहर सरकार ने नोटिस लगाया है। इसमें कहा गया है, ‘यह देखा गया है कि आपने श्रीनिवासपुरी में परियोजना स्थल पर धार्मिक स्थल खड़ा किया है। यह एक स्थापित तथ्य है कि ये भारत सरकार/L&Do की जमीन है और आपने अनधिकृत रूप से इस सरकारी जमीन पर कब्जा किया है।’नोटिस में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का भी जिक्र किया गया है। खास बात है कि श्रीनिवासपुरी दिल्ली के उन स्थानों में से एक हैं, जिसे केंद्रीय एजेंसियां दोबारा विकसित कर रही हैं।
मंत्रालय के नोटिस के अनुसार, मंदिर के प्रभारियों को परिसर खाली करना होगा। ऐसा नहीं होने की स्थिति में मंत्रालय बाहर निकालने और स्थल पर काम ढहाने काम करेगा। यह मंदिर साईं श्रद्धा मंदिर के तहत रजिस्टर्ड हैI आपको बता दें स्थानीय लोगों का नीलकंठ महादेव मंदिर में भरोसा है।मंदिर ट्रस्ट का प्रबंधन देखने वाली समिति के सदस्य ने कहा, ‘हम चाहेंगे कि मंदिर को कुछ न हो। अगर सरकार इसे ढहाने पर अडिग है, तो इसे सुरक्षित रूप से दूसरी तरफ ले जाया जाना जरूरी है।’स्थानीय निवासी नीलम ने कहा, ‘हम अपने माता-पिता को बाहर नहीं निकालने दे सकते और हमारे भगवान हमारे माता-पिता से भी बड़े हैं। हम बुलडोजर के सामने खड़े हो जाएंगे। हम उन्हें इसे गिराने नहीं देंगे।’