बिहार के 54 हजार 634 स्कूलों में नहीं हैं खेल के मैदान, यू-डायस की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
बिहार के कई स्कूल ऐसे हैं जहां पढ़ाई तो होती है पर खेल के लिए मैदान नहीं हैं। कई स्कूलों में पीटी टीचर तो हैं लेकिन खेल के मैदान नहीं हैं। इससे बच्चे खेल की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। राज्यभर में 4 हजार 634 ऐसे स्कूल हैं जिनके पास खेल के मैदान नहीं है। लगभग 33 हजार 536 स्कूलों में ही खेल के मैदान हैं।पटना जिले में भी 4193 में 2826 स्कूल ऐसे हैं, जिनके पास खेल के मैदान नहीं हैं। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की मानें तो यू-डायस की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
आपको बता दें खेल का मैदान नहीं होने से ज्यादातर स्कूलों में खेल की कोई कक्षाएं नहीं होती हैं। जबकि शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में खेल की एक कक्षा रखने का निर्देश दिया है। बीएन कॉलेजिएट स्कूल की बात करें तो स्कूल की रूटीन में खेल की कोई कक्षा नहीं है। राजधानी पटना की बात करें 19 से अधिक ऐसे हाईस्कूल और प्लस टू स्कूल हैं जो दूसरे स्कूलों में किराये के दो कमरे में चल रहे हैं।
वही, स्कूलों में शारीरिक शिक्षक होना अनिवार्य है। लेकिन कई सालों से शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। शारीरिक शिक्षक खेल या पीटी की कक्षा नहीं लेते, बल्कि इनसे अन्य विषयों की पढ़ाई करवायी जाती है। शारीरिक शिक्षक अभिषेक कुमार ने बताया कि चूंकि मैं भौतिकी से स्नातक हूं तो भौतिकी की कक्षा लेनी होती है।