2018 में ज्ञापन देने वाले और PIL दाखिल करने वालों के कारण ही लालू जी की यह दुर्दशा : सुशील कुमार मोदी
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी जी ने कम से कम यह स्वीकार तो किया कि ललन सिंह जी के साथ मिलकर लालू जी के ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले का उन्होंने ही पर्दाफाश किया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलकर CBI जांच की मांग की थी। उन्होंने पहले यह भी स्वीकार किया था कि उनकी PIL पर ही पटना हाईकोर्ट ने चारा घोटाले की CBI जांच का आदेश दिया था जिसके पांच मामलों में लालू जी को सजा हो चुकी है।
सुशिल मोदी ने कहा कि जहां तक 14 साल विलंब से कार्रवाई का सवाल है, तो उस समय राजद के समर्थन से मनमोहन सिंह जी की सरकार चल रही थी। प्रधानमंत्री की हिम्मत नहीं थी कि सहयोगी दल के नेता पर कार्यवाही करते। उन्होंने ज्ञापन को ठंडे बस्ते में ही नहीं डाला बल्कि लालू के लोगों ने ज्ञापन को ही फाइल से हटवा दिया। उन्होंने कहा कि शिवानंद जी भूल गए कि मामला भले ही 14 वर्ष पुराना हो परंतु 2017 में जब मैंने ‘नौकरी के बदले जमीन’ सहित दर्जनों लालू परिवार के भ्रष्टाचार को सबूतों के साथ उजागर किया था तो आप की सरकार चली गई थी। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच (Preleminary Inquiry) का मामला तो सितंबर 2021 में ही दर्ज कर लिया था।
आपको बता दें सुशिल मोदी ने कहा कि फिर पांच मामलों में सजायाफ्ता और जिसका पूरा परिवार भ्रष्टाचार के मामले में बेल पर है उससे यदि कोई दोस्ती करना चाहेगा तो यह छोटा मामला कभी बाधक नहीं बन सकता है? लेकिन गलतफहमी दूर कर ले अब कभी राजद-जदयू की दोस्ती नहीं हो सकती है? मोदी ने कहा कि आज अगर लालू जी की दुर्दशा है तो वही लोग जिम्मेवार है जिन्होंने पहले मुकदमा दायर किया, ज्ञापन दिया और अब राजनीतिक लाभ के लिए उनके सामने दुम हिला रहे हैं।