आज है नवरात्र का सांतवा दिन, होगी माँ कालरात्री पूजा
महाशक्ति माँ दुर्गा का सातवाँ स्वरुप है माँ कालरात्रि| माँ कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं| इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है| इस दिन भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती है| वास्तव में भानु चक्र न होकर नाडी है| इसे सूर्य अथवा पिंगला नारी भी कहते हैं| जो हमारे दायें तरफ होती है सूर्य नाडी को संचालित करो तो शक्ति का तमस रूप की प्रचंडता अनुभव होगी, चन्द्र नाडी को संचालित करो तो शक्ति की शीतलता की अनुभूति होती है| इसे तामसिक अथवा सात्विक शक्ति एवं सिद्धि स्वरुप भी कह सकते हैं|
नवरात्री के मौके पर माँ कालरात्रि का ध्यान करते हुए अपने ललाट में ध्यान किया जाता है और माँ के मन्त्र का 11 माला का जप करना चाहिए जिससे शत्रुओं का नाश और स्वास्थ्य लाभ मिलता है और जीवन की सभी बाधा दूर होती है| साधक को सुख शांति व मोक्ष की प्राप्ति होती है|