अरविंद महिला कॉलेज में शिक्षकों – कर्मचारियों के हड़ताल पर विश्वविद्यालय एवं राजभवन की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण
यह विश्वविद्यालय – महाविद्यालय की बदहाली का पोल खोलती है- भाकपा
पटना: राज्य की राजधानी पटना के प्रतिष्ठित महाविद्यालय अरविंद महिला कॉलेज में 8 दिनों से शिक्षकों – शिक्षकेतर कर्मचारियों के हड़ताल से बाधित छात्राओं के पठन-पाठन व महाविद्यालय पर विश्वविद्यालय एवं राजभवन की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है। विश्वविद्यालय और राजभवन के नाक के नीचे छात्राओं का और महाविद्यालय का कोई सुध लेने वाला जब कोई नहीं है तो पूरे राज्य के महाविद्यालय – विश्वविद्यालयों का क्या हाल होगा? उक्त बातों को आज एआईएसएफ के पूर्व महासचिव एवं भाकपा के पटना जिला सचिव का. विश्वजीत कुमार के द्वारा अरविंद महिला कालेज में शिक्षकों- कर्मचारियों को संबोधित करते हुये कहा।
उन्होंने 14 मार्च से ही शिक्षकों- कर्मचारियों के हड़ताल पर किसी भी अधिकारी द्वारा सुध नहीं लिये जाने पर ताजूब व्यक्त किया और कहा कि महज डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और पांच किलोमीटर दूर स्थित राजभवन गर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो यह राज्य के विश्वविद्यालय- महाविद्यालय की बदहाली को बयां करती है। जाहिर होता है कि आज विश्वविद्यालय- महाविद्यालय से राजभवन तक कितना भ्रष्टाचार व्याप्त है।
एक प्राचार्य जो सभी कालेजों में विवादित रहीं हैं और जिनपर कालेज के शिक्षक अमर्यादित व्यवहार व भष्टाचार का आरोप लगा रहे हों तब भी चुप्पी बदहाली की पराकाष्ठा है। जिसे शिक्षा व समाजहित में सहन करना असंभव है। उन्होंने शिक्षकों- कर्मचारियों के आंदोलन के प्रति एकजुटता पेश करते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति से अविलंब हस्तक्षेप कर प्राचार्या पर कर्रवाई करने की मंग की।
मदन वर्मा
कार्यालय सचिव
भाकपा, पटना