शिव मंदिर में विश्व हिंदू परिषद द्वारा सामूहिक सुंदरकांड पाठ का हुआ आयोजन

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के खास मौके पर सोमवार को झारखंड राममय हो गया I राज्य के करीब 51 हजार मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान हुए. रांची के पहाड़ी मंदिर, संकटमोचन हनुमान मंदिर, विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय स्थित दुर्गा माता के मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में सुंदरकांड पाठ, आरती और दीपोत्सव मनाया गया I रामधुन पूरे झारखंड में गुंजायमान था I भगवान राम की भक्ति में श्रद्धालु लीन थे. चौक-चौराहे पर भक्ति गीत गूंज रहे थे I बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक में रामभक्ति का उल्लास दिख रहा था I
किशोरगंज चौक स्थित शक्ति आश्रम विश्व हिन्दू परिषद प्रांत कार्यालय में अयोध्या में श्रीराम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर कार्यालय परिसर अवस्थित दुर्गा माता के मंदिर में पूजा-अर्चना, आरती एवं वैदिक अनुष्ठान पुरोहित नवीन पांडेय के द्वारा संपन्न कराया गया I अयोध्या में जब भव्य दिव्य श्रीराम मंदिर में रामलला की प्रथम आरती होने लगी तो उपस्थित सभी लोगों ने टीवी के सामने खड़े होकर रामलला की आरती में शामिल हो गए I आरती संपन्न होने के बाद प्रसाद स्वरूप भव्य भंडारे का आयोजन किया गया, जहां सैकड़ों भक्तों ने पंक्तिबद्ध होकर प्रसाद ग्रहण किया I
प्रांत सहमंत्री रंगनाथ महतो ने बताया कि झारखंड के गांव-गांव में लगभग इक्यावन हजार से अधिक मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान हुए I पूरा प्रदेश आज राममय हो गया है I पांच सौ वर्षों के लंबे संघर्ष एवं लाखों रामभक्तों के बलिदान के बाद यह शुभ घड़ी आई है और इस खुशी में कल पूरे प्रदेश में भव्य दीपोत्सव मनाया गया I कार्यक्रम में मुख्यरूप से विहिप प्रांत सहमंत्री रंगनाथ महतो, विभाग सेवा प्रमुख रविशंकर राय, महानगर उपाध्यक्षा डॉ ज्योतिका श्रीवास्तव, महानगर सहमंत्री विश्वरंजन कुमार, रेणु अग्रवाल, तड़ित राय, टिंकू, ज्ञान, विपिन, कपिल आदि उपस्थित थे I
22 जनवरी विश्व हिंदू परिषद क्षेत्रीय संगठन मंत्री वीरेंद्र विमल अयोध्या धाम राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए I श्री विमल ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उनका जीवन धन्य हो गया I एक बार इतिहास निर्माण में सहभागी हुआ था, जब जन्मभूमि से बाबरी कलंक मिटाया गया था I भक्ति, शक्ति, पराक्रम और संघर्ष से अयोध्या की पावन धरती पर एक स्वर्णिम अध्याय का आरंभ किया था I आज वह अध्याय भव्य दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूर्ण हो गया I शताब्दियों से हिन्दू समाज जिसकी प्रतीक्षा कर रहा था, उस सपने को अपनी आंखों के सामने साकार होते हुए देखने का आनंद अद्भुत है I