विश्व कायस्थ महासम्मेलन में अपनी चट्टानी एकता के साथ-साथ मजबूती का प्रदर्शन किया जाएगा
ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) पटना जिलाध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने कहा कि कायस्थ जाति के लोग हमेशा से समाज का नेतृत्व करते रहे हैं। कायस्थ समाज के लोगों का गौरवशाली इतिहास रहा है लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिये पर चल गया है जिसे मजबूत करने की जरूरत है।
सुशील श्रीवास्तव ने कहा कि हाल के तीन चार दशकों में राजनीतिक दलों द्वारा कायस्थ की महिमा का अवमूल्यन किया गया है।कायस्थ समाज राजनीतिक अस्पृश्यता का शिकार है। हम राजनीतिक रूप से अल्पसंख्यक की श्रेणी में आ गए हैं। राजनीति में कमजोर होने के कारण यह समाज प्रशासन सहित अन्य क्षेत्रों में पिछड़ता चला जा रहा है। समाज के सभी क्षेत्रों में कायस्थ समाज की जो धमकदार उपस्थिति थी। वर्तमान परिदृश्य में उसमें निरंतर गिरावट देखी जा रही है। हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि राजनीति असमानता का सबसे बड़ा शिकार कायस्थ समाज ही हुआ है।
स्वाधीनता आंदोलन में भी कायस्थ समाज ने आगे बढ़कर देश को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पटना जिला जीकेसी अध्यक्ष ने कहा कि कायस्थ राजाओ,साम्राज्योँ और उनके साहसिक शासनकाल का अविस्मरणीय योगदान रहा है। हम सभी को फिर से एकजुट होने की जरूरत है।देश एवं विदेश में फैले भारी संख्या में कायस्थों को एकजुट कर सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक क्षेत्र में एक बार फिर शिखर पर पहुंचने की जोरदार पहल की गई है। इसी क्रम में आगामी 19 दिसंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विश्व कायस्थ महासम्मेलन का आयोजन कर अपनी चट्टानी एकता के साथ-साथ मजबूती का प्रदर्शन किया जाएगा।