सुरंग में फंसे बेटे का 17 दिन तक किया इंतजार, रेस्क्यू से कुछ पल पहले ही पिता ने तोड़ा दम, फूट-फूटकर रोने लगा
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सुरंग में फंसे 41 मजदूर अब बाहर आ चुके हैं I इन मजदूरों के इंतजार में पिछले 17 दिनों से उनका परिवार राह देख रहा था I हालांकि, बाहर निकलने पर मजदूरों के चेहरे पर खुशी तो देखी गई I मगर इन 41 मजदूरों में से एक मजदूर ऐसा बदनसीब रहा कि जब वह बाहर आया, तो उसके सिर से पिता का साया उठ चुका था I इस मजूदर का नाम भक्तू मुर्मू है, जो झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले का रहने वाला है. I
आपको बता दें भक्तू जब मंगलवार रात सिल्कयारा सुरंग से सही-सलामत बाहर निकला, तो उसे पिता के निधन की जानकारी दी गई I पिता की मौत की खबर सुनते ही भक्तू फूट-फूटकर रोने लगा I पिछले 17 दिनों से वह सुरंग के भीतर फंसे रहने के दौरान भी इसी आस में था कि जब वह बाहर निकलेगा, तो पिता से उसकी मुलाकात होगी I मगर किस्मत में कुछ और लिखा हुआ था I सुरंग में भक्तू के अलावा पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के भी छह मजदूर शामिल थे I
ख़बरों के मुताबिक, 29 वर्षीय भक्तू पूर्वी सिंहभूम जिले के बांकीशील पंचायत स्थित बाहदा गांव का रहने वाला है I उसके 70 वर्षीय पिता बासेत उर्फ बारसा मुर्मू गांव में ही थे, जब उन्हें अपने बेटे के सुरंग में फंसे होने की जानकारी मिली I मंगलवार सुबह नाश्ता करने के बाद वह खाट पर बैठे हुए थे, तभी अचनाक वह खाट से नीचे गिरे और उनका दम निकल गया I बताया गया है कि बारसा मुर्मू की बेटे की याद में सदमे में जाने के चलते मौत हो गई I