कोविड वायरस संक्रमित होने पर, गरारा करके इन्फेशन की गंभीरता को कम करे
देश में बीते कुछ दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों में कमी देखने को मिल रही है, अभी भी कोरोना महामारी का खौफ लोगों में बना हुआ है। कोरोना से बचने के लिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस को पालन करने के साथ-साथ सतर्कता भी बेहद जरूरी है। कोविड वायरस संक्रमित मरीज के बोलने, खांसने, छींकने व चिल्लाने की वजह से फैलता है।
कोविड वायरस के संक्रमण का खतरा शुरूआती दौर में ज्यादा होती है। वायरस स्वस्थ्य मनुष्य के शरीर में मुंह व नाक के माध्यम से गले व लंग्स में पहुंच कर उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है। ऐसी स्थिति में वायरस इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकने में गरारा बहुत फायदेमंद साबित होता है।
हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक कोरोना संक्रमण होने के उपरांत गरारा करने से वायरल लोड कम हो जाते है। वायरोलॉजी अध्ययन में पता चला है कि शुरूआती इन्फेक्शन में वायरस गले व नाक में पाया जाता है और यह काफी तेजी के साथ अपनी संख्या को बढ़ाता है। इसके बाद वायरस लंग्स तक पहुंच कर उसे डैमेज करता है।
रिसर्च में यह बात सामने आया है कि संक्रमण होते ही गरारा करने से गले में वायरस की रिप्लिकेशन कम होती है। कोरोना महामारी के दरम्यान् गरारा करना लाभ दे सकता है। गले में प्रोब्बलम होने पर किसी एंटीसेप्टिक माउथवॉश से डॉक्टर की सलाह पर आप गरारा कर सकते है।
डॉक्टरों के अनुसार वायरल लोड को गले व मुंह से कम करने में गरारा बहुत ही इफेक्टिव होते है। गरारा करने से कोविड वायरस आपके शरीर से खत्म नहीं होता है लेकिन गरारा करके आप वायरल लोड को कम करके गंभीर इन्फेक्शन के खतरे को कम कर सकते है। गरारा करने से कोरोना के संक्रमण के खतरे की संभावना कम हो जाती है। संवाददाता, ए बी बिहार न्यूज।