Raksha Bandhan क्यों मनाया जाता है? जानें कैसे शुरू हुई राखी बांधने की परंपरा
Rakshabandhan : रक्षाबंधन का त्योहार हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के खट्टे-मीठे और सौहार्दपूर्ण रिश्ते की याद दिलाता है। इस दिन बहनें भाई के तिलक करके उसके कलाई पर राखी बांधकर लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों की प्रतिष्ठा की सदा रक्षा करने का वचन देता है। इस साल 12 अगस्त 2022 को राखी मनाई जाएगी। इस त्योहार को मनाने के पीछे कुछ प्रचलित कथाएं जुड़ी हुई हैं।
एक पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि प्राचीन समय में एक बार जब दैत्यों के राजा बलि ने देवताओं पर आक्रमण किया था तब इसे देख देव इंद्र की पत्नी सची काफी परेशान हो गईं थीं। राजा बलि द्वारा देवगणों को परेशान करता देख और इस युद्ध में देवताओं की विजय के लिए सची ने भगवान विष्णु से सहायता मांगी। इसके बाद भगवान विष्णु ने सची को एक धागा देकर कहा कि इसे अपने पति इन्द्र की कलाई पर बांध देना जिससे वह जीत जाएंगे।
सची ने विष्णु जी के कहे अनुसार इन्द्र देव की कलाई पर वो धागा बांध दिया और उस युद्ध में उन्होनें राजा बलि को पराजित कर दिया। तभी से मान्यता है कि बहनें अपने भाई की और पत्नियां अपने पति को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र और विजय की कामना करती हैं।