विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस: गर्दिश में है भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता का सितारा..

 विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस: गर्दिश में है भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता का सितारा..

देश भर में अधिकांश पत्रकारों के खिलाफ दर्ज हो रहे कानूनी मामलों की लगातार आ रही खबरों और अंतरराष्ट्रीय प्रेस इंडेक्स में लगातार गिरती रैंकिंग के बीच तीन मई को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ का यह मौका भारत के लिए खास उम्मीद बांधता नजर नहीं आता।

पत्रकार का काम सिर्फ निष्पक्ष ढ़ंग से तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट करना है।सरकार या प्रशासन की प्रशंसा या प्रतिष्ठा का बोझ उठाने के लिए पत्रकार बाध्य नहीं है।विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन के द्वारा प्रेस क्लब को खोल कर रखना और दूसरे दिन उसका बंद रखना पत्रकारों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कतई उचित नहीं है।

सभी पत्रकारों व संघ को बिहार में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के लिए सरकार को बाध्य करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है क्यों??हमारी स्वतंत्रता सिर्फ कहने और सुनने के लिए धरातल पर कुछ भी नहीं।जब प्रेस क्लब रहते हुए भी नहीं मिल रही है तो इससे बढ़कर और क्या हो सकता है??
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर मीडिया के सभी साथियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।।
‘दोधारी तलवार पर चल रहे हैं खगड़िया के पत्रकार’

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