अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन लॉन्च करेगा विश्व सौर बैंक
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) ने ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में विश्व सौर बैंक (World Solar Bank-WSB) को लॉन्च करने की योजना बनाई है जो नवंबर 2021 के लिए निर्धारित है।
- विश्व सौर बैंक का विकास जलवायु क्षेत्र में अपने नेतृत्व को सुरक्षित करने के भारत के प्रयास का समर्थन करेगा।
- इस बैंक का विकास महत्वपूर्ण है क्योंकि COP-26 नामक जलवायु बैठक में ग्रीन फाइनेंस प्राथमिकता वाले विषयों में से एक होगा।
- COP-26 का आयोजन अमेरिका के पेरिस जलवायु समझौते में फिर से शामिल होने की पृष्ठभूमि में किया जाएगा।
- विश्व सौर बैंक का मुख्यालय भारत में स्थापित किए जाने की उम्मीद है।यह पहला बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) होगा जिसे भारत में स्थापित किया जाएगा।
- WSB ने अगले 10 वर्षों में ISA के सदस्य देशों को लगभग 50 बिलियन डॉलर देने की योजना बनाई है।
विश्व सौर बैंक क्यों लॉन्च किया जाएगा?
ISA के कई सदस्य देशों को अपने दम पर वित्त जुटाने की चुनौती का सामना करना पड़ता है, इसलिए विश्व सौर बैंक को लांच किया जायेगा। इसके अलावा, इसे उन 800 मिलियन लोगों की सहायता के लिए लॉन्च किया जायेगा, जिनके पास बिजली तक पहुंच नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
आईएसए की स्थापना भारत द्वारा की गई थी। यह पेरिस में 2015 के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में स्थापित किया गया था। यह पहला संधि-आधारित अंतर्राष्ट्रीय सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय भारत में है। यह “वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (OSOWOG)” नामक भारत की वैश्विक बिजली ग्रिड योजना को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी है।
वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (OSOWOG)
यह योजना एक क्षेत्र में उत्पन्न सौर ऊर्जा को दूसरे क्षेत्र की बिजली मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। OSOWOG के विज़न के तहत, भारत का लक्ष्य वैश्विक रूप से जुड़े सौर ऊर्जा ग्रिड के एक एकल चरणबद्ध विकास के माध्यम से अपने वैश्विक सौर नेतृत्व को मज़बूत करना है। इससे निम्न लागत, शून्य प्रदूषण जैसे कई लाभ होंगे।