देश में 70 फीसदी लोग बेरोजगार, आम आदमी पर वित्तीय संकट
अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सर्वे में देश में रोजगार के मोर्चे पर चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं। सर्वे के मुताबिक देश में दो तिहाई से ज्यादा लोगों का रोजगार खत्म हो गया है और वो बेरोजगार हो गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा खराब हालात शहरी क्षेत्र में देखने को मिले हैं। शहरी इलाकों में 10 में से 8 लोगों का रोजगार खत्म हो गया है यानी 80 फीसदी बेरोजगार हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी का आंकड़ा थोड़ा कम है। यहां करीब 57 फीसदी लोग प्रभावित हुए हैं यानि 10 में से 6 लोगों का रोजगार छिन गया है। कोरोना लॉकडाउन की वजह से न सिर्फ बड़ी कंपनियों में कामकाज ठप हुआ बल्कि उसके सहारे चल रहे स्वरोजगार के तमाम धंधे भी बंद होते जा रहे हैं।
आम आदमी पर वित्तीय संकट को बताते ये संकेत
1. पीएफ से 80 लाख लोगों ने 30 हजार करोड़ निकाले
कोरोना महामारी से जॉब छूटने और बेरोजगारी बढ़ने के कारण बीते चार महीने में ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स ने अपने खाते से 30,000 करोड़ रुपए की निकासी की है। 30 लाख ईपीएफओ खाताधारकों ने 8000 करोड़ रुपये निकाले हैं। वहीं शेष 22000 करोड़ रुपए की निकासी 50 लाख खाताधारकों की ओर से की गई है।
2. म्यूचुअल फंड से बढ़ी पैसे की निकासी
कोरोना संकट के कारण आम लोग पैसे की कमी दूर करने के लिए म्यूचुअल फंड से अपने जमा रकम को तेजी से निकासी कर रहे हैं। एम्फी के डाटा के अनुसार, इक्विटी म्यूचुअल फंड में अप्रैल, मई, जून और जुलाई में निवेश हर महीने घटा है और जमा निवेश में तेजी से गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई महीने में म्युचुअल फंडों से 10 अरब रुपये निकाले गए हैं। यह संकट आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है।
3. बचत में लगातार गिरावट आ रही
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 2007-08 के बाद से भारतीयों के बचत में लगातार कमी आई है। 2007 में कुल बचत आय की 36 प्रतिशत थी जो 2012 में 34.6 प्रतिशत हो गई और फिर 2019 आते-आते 30.1 प्रतिशत हो गई जिसका बुरा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। कोरोना संकट के बीच यह निचले स्तर पर पहुंचने का अनुमान है।
4. गोल्ड लोन लेने वाले बढ़े
मुथूट फाइनेंस के अनुसार, कारोना संकट के बीच गोल्ड की एवज में लोन लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। कंपनी के अनुसार, कोरोना संकट के कारण सालाना करोबार में पांच से 10 फीसदी की वृद्धि आ सकती है। मणप्पुरम फाइनेंस ने भी कहा है कि उसका भी गोल्ड लोन का कारोबार तेजी से बढ़ा है। वित्तीय कंपनी गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि कोरोना संकट में आम लोगों का सहारा गोल्ड लोन ही बनेगा।
5. पुरानी कारों पर लोन ले रहे लोग
कोरोना वायरस के कारण कार बेचने वालों की संख्या दोगुना हो गई है। इसकी वजह यह है कि लोग नकदी की समस्या से जूझ रहे हैं। इसी को देखते हुए ऑनलाइन खरीद-बिक्री के मंच कार्स24 ने कार मालिकों को पुरानी गाड़ी पर ऋण योजना पेश की है।
6. क्रेडिट कार्ड से चला रहे घर का खर्च
कोरोना के कारण कर्ज लेने वालों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है। सबसे ज्यादा तेजी पर्सनल लोन में आई है। दूसरे नंबर पर क्रेडिट कार्ड है। रिपोर्ट के मुताबिक, कानुपर में बीते दो महीने में 78 हजार लोगों ने पर्सनल लोन लिया है। मार्च से पहले तक कानपुर में औसतन 15 से 18 हजार लोग पर्सनल लोन लेते थे। वहीं, क्रेडिट कार्ड का उपयोग दो गुना हो गया है। मार्च से पहले एक दिन में 24 हजार ग्राहक क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते थे। अब यह संख्या 50 हजार से ज्यादा हो गई है।
7. ईएमआई देना बंद किया
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों का कुल लोन का 50 फीसदी लोन मोरेटोरियम में चला गया है। यह कुल बैंक ग्राहकों का 55 फीसदी है। यह दर्शाता है कि बैंक लोन चुकाने में गरीब और मध्यमवर्ग ही बड़ी आवादी अभी सक्षम नहीं है।
बीते एक महीने में बेरोजगारी दर की स्थिति
29, जुलाई का सप्ताह
- भारत 7.6%
- शहरी क्षेत्र 9.8%
- ग्रामीण क्षेत्र 6.6%
26, जुलाई का सप्ताह
- भारत 8.21%
- शहरी क्षेत्र 9.43%
- ग्रामीण क्षेत्र 7.66%
19, जुलाई का सप्ताह
- भारत 7.94%
- शहरी क्षेत्र 9.78%
- ग्रामीण क्षेत्र 7.10%
12, जुलाई का सप्ताह
- भारत 7.44%
- शहरी क्षेत्र 9.92%
- ग्रामीण क्षेत्र 6.34%
5, जुलाई का सप्ताह
- भारत 8.87%
- शहरी क्षेत्र 11.26%
- ग्रामीण क्षेत्र 7.78%
स्रोत: सीएमआईई